गणित का शून्य भी
हवाई जहाज भी
यहाँ खोजा गया
हे मर्तबा हमारे देश को क्या हुआ
हमरा ही युवा बेरोजगारी की लाइन में खडा
ये दर्दे इश्क़ की दवा क्या हे
इन चार अक्षर का चकर क्या हे
इश्क़ का कीड़ा जिससे लगाता हे
उसे देवदास बना देता हे
जिसे पाने की कोशिश हमने की
वो किसी और के साथ मुकमल हो गए
जिन लिफाफे में हमने प्रेम पत्र दिने का सोचा
उसी लिफाफे में हमें उनकी शादी का बान दे के आना पड़ा
आज की हमरी मुलाकात(फेसबुक) हुई हमारे बड़े भैया जी कवि मुकेश कुमार सिन्हा जी से बहुत ही आनन्दमय लगा हमें उनसे फेसबुक पर बात करके ।
क्या करे उनकी तारीफ मे
जिनके शब्दों में अमृतधारा बहती हो ।
आपसे बात करे बहुत अच्छा लगा हमें । आपने हमारे समय निकला आपका हम आभारी रहे गए ।