Friday, February 20, 2015

गणित का शून्य  भी
हवाई जहाज भी
 यहाँ खोजा  गया
हे  मर्तबा  हमारे देश  को क्या हुआ
हमरा ही युवा बेरोजगारी की लाइन में खडा



ये दर्दे इश्क़ की दवा क्या हे
इन चार अक्षर का  चकर क्या हे
 इश्क़ का कीड़ा  जिससे  लगाता हे
उसे देवदास  बना  देता हे

जिसे पाने की कोशिश हमने की
वो किसी और के साथ मुकमल हो गए
जिन लिफाफे में हमने  प्रेम पत्र दिने का सोचा
उसी लिफाफे में हमें उनकी शादी का बान दे के आना पड़ा



Wednesday, January 21, 2015


एक मुलकात खास मुलाकात

आज की हमरी मुलाकात(फेसबुक) हुई  हमारे   बड़े भैया जी कवि  मुकेश कुमार सिन्हा जी से बहुत ही आनन्दमय लगा हमें उनसे फेसबुक पर बात करके ।
क्या करे उनकी  तारीफ मे
जिनके शब्दों में अमृतधारा बहती हो ।
आपसे बात करे बहुत अच्छा लगा हमें । आपने हमारे  समय निकला आपका हम आभारी रहे गए ।

धन्यवाद ।



शुभ रात्रि
आपका अपना
गजेन्द्र
बीकानेर
राजस्थान